हिंडनबर्ग को कौन फंड दे रहा? क्यों पीछे पड़ा है अदाणी ग्रुप के? नई रिपोर्ट के बाद जानें क्यों उठे सवाल

अदाणी ग्रुप को टारगेट कर हिंडनबर्ग ने फिर एक रिपोर्ट जारी की है.

अदाणी ग्रुप भारत की ही नहीं बल्कि दुनिया की बड़ी कंपनियों में से एक है. दुनिया के कई देशों में इसका कारोबार चल रहा है. अब तक किसी भी देश ने अदाणी ग्रुप को लेकर कभी कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया,लेकिन हिंडनबर्ग लगातार अदाणी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर रहा है. हद तो यह हो गई कि रिपोर्ट जारी करने से पहले उसने एक्स पर पोस्ट कर लिखा,"भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है." आखिर उसे भारत की इतनी चिंता क्यों हो गई है?

भारत की मदद कर रहा?

एनडीटीवी से सेंटर फॉर डोमेस्टिक इकोनॉमिक पोलिसी रिसर्च (CFDEPR) के प्रेसीडेंट डॉक्टर जगजीत भट्टाचार्य ने कहा कि Hindenburg short selling करके मुनाफा कमाती है. उसे जितना मुनाफा कमाना था,वो तो पहले ही कमा चुकी है. मगर उसके बाद फिर ये रिपोर्ट और बकायदा प्रेस रिलीज जारी करने के पीछे उसकी क्या मंशा है? क्या वो एक जांच एजेंसी है? वो है नहीं. क्या वो एक Journalistic Authority है या Journalism में है? वो है नहीं. तो किस कारण उन्होंने ये रिपोर्ट निकाला? क्या उसने भारतीयों के हित के लिए ये रिपोर्ट निकाला है कि ये जांच हो जाए तो भारतीयों को फायदा होगा. ये तो उनका मकसद हो नहीं सकता. तो किस मकसद से अदाणी ग्रुप के ये पीछे पड़े हुए हैं?

जांच में क्या निकला ये छुपाया

डॉक्टर जगजीत भट्टाचार्य ने आगे कहा कि अदाणी ग्रुप भारत की एक बड़ी कंपनी है. भारतीय अर्थव्यवस्था में भी उसका बड़ा योगदान है. अदाणी ग्रुप के साथ-साथ अब तो SEBI पर भी हिंडनबर्ग ने सवाल खड़े किए हैं. इसका मकसद है कि भारत के Stock Market पर असर पड़े. अगर आप उनकी Report line by line पढ़ें तो उसमें गजब की बातें लिखी हैं. जैसे की There is a Adani as per directorate of revenue intelligence Adani had grossly over valued the import valuation. मैं अंग्रेजी में बोल रहा हूं क्योंकि उन्होंने अंग्रेजी में ही लिखा हुआ है. ये जो वो Report में Quote कर रहे हैं DRI का और कह रहे हैं कि अदाणी ग्रुप ने grossly import over value करके फिर पैसा बनाया हुआ है. ये Report 2014 की है और ये DRI की कोई Final Report नहीं है. ये Show Cause Notice है. ऐसे Show Cause Notice निकालना और उसकी जांच करना DRI का काम है.Hindenburg की Report में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि जांच के बाद DRI ने अदाणी ग्रुप को लेकर क्या बोला है? इसको Yellow Journalism बोलते हैं. आधी बात बताई जाती है और आधी छुपाई जाती है. ये उन्होंने कभी नहीं बताया कि ये 2014 की Report है. अगर मैं उसमें और आगे देखूं तो उसमें लिखा हुआ है कि अदाणी watch एक non profit project है. अब ये अदाणी Watch किसका है? किसने बनाया हुआ है? Non Profit बोल दिया तो क्या ये लोगों के हित के लिए है? इसके लिए कौन Invest कर रहा है? इसके Owners कौन हैं? किसने बनाया है? क्यों बनाया है? इसका तो कोई जवाब है नहीं. Report में सिर्फ आरोप हैं.

जबरन आरोप लगाने की कोशिश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लिखा है,She personally as SEBI chief माधवी बुच personally wrote to India info line to use her private gmail doing business through her husband's name. जगजीत भट्टाचार्य ने कहा कि माधवी बुच के जिस फंड के बारे में इस रिपोर्ट में बताया गया है,वो महज 80 लाख रुपये का था. तो क्या अदाणी ग्रुप इसी 80 लाख रुपये से चल रहा है? क्या माधवी बुच को इस फंड से कोई मुनाफा हुआ? Hindenburg की Report में ही आगे लिखा है कि माधवी को इस निवेश से Point two percent का loss हुआ. फिर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कहती है कि अगर माधवी बुच को निवेश करना ही तो भारत के Mutual Funds में करतीं,जहां सेबी चीफ के नाते उनकी चलती है. उन्होंने बाहर के Mutual Fund में क्यों निवेश किया? हद है..अगर माधवी बुच Indian Mutual Fund में Invest करतीं तब प्रश्न ये होता है कि जिसकी देखदेख का जिम्मा उनके ऊपर है,उसी में उन्होंने Invest कर मुनाफा कमाया. ये तो Conflict of Interest है. साफ है कि किसी भी तरह आरोप लगाने वाली बात है. अब प्रश्न ये उठता है कि अगर रिपोर्ट की एक-एक line बेबुनियाद है तो वो किस कारण ये कर रहे हैं? उनको कौन फंडिंग दे रहा है ऐसी रिपोर्टस निकालने के लिए?

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited,an Adani Group Company.)

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