अमेरिका में मंकीपॉक्स वायरस से कई कैदी हुए संक्रमित
नई दिल्ली:
मंकीपॉक्स का वायरस यूरोप और एशिया के बाद अब अमेरिका में भी अपनी दस्तक दे चुका है. बताया जा रहा है कि अमेरिका की एक जेल में इस वायरस से कई कैदी संक्रमित हो चुके हैं. आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पहले ही मंकीपॉक्स को लेकर 'हेल्थ इंमरजेंसी'घोषित की है.कुछ समय पहले ही भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसके वायरस पहुंचने की बात सामने आई थी. अब इस वायरस के अमेरिका में मिलने से ये तो साफ हो गया है कि इसका दायरा हर बीतते दिन के साथ बढ़ रहा है.
बता दें कि WHO ने मई 2023 में आखिरी एमपॉक्स वैश्विक आपातकाल घोषित किया था. बीते भर में ये दुनिया भर के अलग-अलग देशों में फैला है. समय बीतने के साथ-साथ ये और घातक होता जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस वायरस से अभी तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉल पॉक्स जैसे होते हैं. शुरुआत में ये कम गंभीर दिखते हैं. ये लक्षण त्वचा पर दाने,बुखार,गले में सूजन,सर दर्द,शारीरिक दर्ज,शरीर में थकावट जैसे होते हैं. मंकीपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर शुरू होते हैं. अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं,तो संभवतः 1-4 दिन बाद आपको दाने निकल आएंगे. मंकीपॉक्स से होने वाले दाने ठीक होने से पहले कई चरणों से गुजरते हैं,जिनमें पपड़ी बनना भी शामिल है. दाने शुरू में फुंसी या छाले जैसे दिख सकते हैं और इनमें दर्द या खुजली हो सकती है.कहां है मंकीपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले
15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए केसों में आधे से अधिक मामले अकेले कांगो गणराज्य में सक्रिय हैं.कांगो स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक,अब देश में मंकीपॉक्स के 18 हजार मामले सामने आ चुके हैं. अब तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.भारत में अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है.विश्वभर में सबसे अधिक प्रभावित देशों में,व्यापक कुपोषण,भीड़भाड़ वाली जीवन स्थितियां अन्य संक्रामक बीमारियों की उपस्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच एमपॉक्स के प्रसार को बच्चों के लिए एक खतरनाक स्थिति बना रही है.यूनिसेफ ने कहा है कि वह अफ्रीका और डब्लूएचओ के साथ-साथ यूएसएआईड और एफसीडीओ जैसे अन्य भागीदारों के साथ मिलकर राष्ट्रीय सरकारों को समर्थन प्रदान कर रहा है.देश में अब तक 17,801 संदिग्ध मामले
यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि संदिग्ध मामले संघर्ष प्रभावित प्रांतों से सामने आ रहे हैं. जहां देश के 7.3 मिलियन आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों में से ज्यादा लोग रहते हैं,जिससे दशकों के संघर्ष से तबाह हुई आबादी के लिए पहले से ही असहनीय स्थिति और ज्यादा खराब होने का खतरा है.