बच्चों से बच्चों के साथ करवाते थे गंदा काम, गलती पर गर्म चम्मच से दागने की सजा, मलेशिया में यूं आजाद हुए 400 मासूम

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

मलेशिया में इस्लामिक वेलफेयर होम्स पर छापा मारकर पुलिस ने 402 बच्चों को आजाद कराया है. रिपोर्ट के मुताबिक,इन बच्चों की उम्र 1 से 17 साल के बीच की है. पुलिस के मुताबिक,इस्लामिक वेलफेयर होम्स में इन मासूमों के साथ यौन शोषण होता था. ज्यादातर बच्चों ने बताया कि उनसे जबरन दूसरे बच्चों के साथ गंदा काम कराया जाता था. कई बच्चों के शरीर पर किसी चीज से दागने के निशान भी मिले हैं.

पूछताछ में इन बच्चों ने बताया कि अगर रोजमर्रा के काम करते वक्त उनसे कोई गलती हो जाती थी,तो गर्म चम्मच से दागकर सजा मिलती थी. पुलिस ने बुधवार को दो राज्यों में कम से कम 20 वेलफेयर होम्स में छापा मारा. रेस्क्यू की गए बच्चों में 201 लड़के और 201 लड़कियां हैं.

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ABC न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक,ये वेलफेयर होम्स ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस होल्डिंग्स (GISB) नाम के एक इस्लामिक बिजनेस ग्रुप से जुड़े हैं. नेशलन पुलिस चीफ ने कहा कि 171 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. संदिग्धों में 105 महिलाएं भी शामिल हैं.

इंस्पेक्टर जनरल रजाउद्दीन हुसैन ने ABC से कहा,"उन्हें सूचना मिली थी कि यहां पर बच्चों के साथ गलत व्यवहार होता है. वेलफेयर होम्स में बच्चों को भी दूसरे बच्चों के साथ गलत काम करने का दबाव बनाया जाता था. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उनमें धार्मिक शिक्षक और कई लोग शामिल हैं. इन पर बच्चों की शिक्षा और उनके देखभाल की जिम्मेदारी थी.बीमार होने पर नहीं होता इलाज


इंस्पेक्टर जनरल हुसैन ने बताया कि वेलफेयर होम में जब बच्चे बीमार पड़ते थे,तो उनका इलाज नहीं कराया जाता था. गंभीर स्थिति होने पर ही उन्हें अस्पताल ले जाया जाता था. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे में मामले हैं,जिनमें 5 साल से भी छोटे बच्चे को गलती करने पर गर्म चम्मच से दागा गया.

पुलिस का मानना ​​है कि ग्लोबल इखवान ने बच्चों का शोषण किया और दान की रकम हासिल करने के लिए धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल किया. पुलिस के मुताबिक,शुरुआती जांच से पता चला है कि यहां रहने वाले बच्चे ग्लोबल इखवान ग्रुप के कर्मचारियों के थे.

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