हां सबूत नहीं थे... गवाही में ट्रूडो ने बता ही दिया सच, फिर भी भारत से वही खालिस्तानी जिद

ओटावा:

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था,तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ‘‘ठोस सबूत'' नहीं था. संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के सिलसिले में ट्रूडो ने गवाही देते समय यह बात कही.

कनाडा ने लगाया था ये आरोप

ट्रूडो ने कहा,‘‘मुझे इस तथ्य के बारे में जानकारी दी गई कि कनाडा और संभवतः ‘फाइव आइज' सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली है,जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इसमें शामिल था...भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे.'' कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसे उनकी सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया. 'फाइव आईज' नेटवर्क पांच देशों का एक खुफिया गठजोड़ है जिसमें अमेरिका,ब्रिटेन,ऑस्ट्रेलिया,कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं. ट्रूडो ने कहा,‘‘भारत ने वास्तव में ऐसा किया,और हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने ऐसा किया.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का तात्कालिक दृष्टिकोण भारत सरकार के साथ मिलकर इस पर काम करना है,ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके.

जी-20 शिखर सम्मेलन में आरोप लगाते तो भारत के लिए होती असहज स्थिति- जस्टिन

पिछले वर्ष सितंबर में भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर था,और कनाडा उस समय यदि इन आरोपों को सार्वजनिक कर देता तो भारत के लिए ‘‘इस शिखर सम्मेलन में बहुत असहज स्थिति बन सकती थी.'' उन्होंने कहा,‘‘हमने ऐसा नहीं करने का फैसला किया. हमने पर्दे के पीछे काम करना जारी रखने का फैसला किया ताकि भारत हमारे साथ सहयोग करे.'' ट्रूडो ने कहा कि भारतीय पक्ष ने सबूत मांगे ‘‘और हमारा जवाब था,यह आपकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है.''

भारत ने सबूत मांगे थे- टूड्रो

ट्रूडो ने कहा कि लेकिन भारतीय पक्ष ने सबूतों पर जोर दिया. उन्होंने कहा,‘‘और उस समय,यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी,न कि ठोस साक्ष्य. इसलिए हमने कहा,चलिए,साथ मिलकर काम करते हैं और आपकी सुरक्षा सेवाओं पर नज़र डालते हैं और शायद हम यह काम कर सकें.'' ट्रूडो ने कहा,‘‘हमने जांच शुरू की. इन आरोपों और हमारी जांच को लेकर भारत ने हमारी सरकार पर हमले तेज कर दिए. कनाडा की संप्रभुता,लोगों को निशाना बनाया गया,भारत से कनाडा के दर्जनों राजनयिकों को निष्कासित कर दिया गया.''

उन्होंने कहा कि यह आरसीएमपी का दृढ़ निश्चय था कि वह उस कड़ी,या उस क्रम,उस साजिश का पर्दाफाश करके सारी चीजें सार्वजनिक करेगी. आरसीएमपी ने यह भी आरोप लगाया कि बिश्नोई गिरोह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है,जो देश में विशेष रूप से ‘‘खालिस्तानी समर्थक तत्वों'' को निशाना बना रहा है.

भारत ने कनाडा के आरोपों को किया था खारिज

भारत ने कनाडा के अधिकारियों द्वारा भारतीय एजेंटों को कनाडा में आपराधिक गिरोहों से जोड़ने के प्रयासों को दृढ़ता से खारिज कर दिया. भारत ने कनाडा के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसने निज्जर मामले में भारत से सबूत साझा किए हैं. नई दिल्ली में,सूत्रों ने ट्रूडो के पिछले आरोपों को भी खारिज कर दिया कि भारत कनाडाई नागरिकों को उनके देश में निशाना बनाने के लिए गुप्त अभियान चलाने सहित अन्य गतिविधियों में शामिल था. भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और निज्जर की हत्या की जांच से राजदूत को जोड़ने के आरोपों को खारिज करने के बाद कनाडा से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की. निज्जर की पिछले साल जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.


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