चंद्रबाबू ला रहे 'बच्चे बढ़ाओ' स्कीम..! जानें कम बच्चों से क्यों टेंशन में आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री

मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की दक्षिणी राज्य के लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील

हैदराबाद:

भारत की बढ़ती जनसंख्‍या को देखते हुए,जहां लोग कम बच्‍चे पैदा करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं,आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू 'बच्चे बढ़ाओ' स्कीम लाने की तैयारी कर रहे हैं. जी हां,ये कोई मजाक नहीं है... चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश के लोगों को ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करने की अपील की है. दरअसल,चंद्रबाबू नायडू राज्‍य में कम बच्‍चों के पैदा होने का लेकर टेंशन में हैं. ऐसे में आंध्र सरकार पॉपुलेशन मैनेजमेंट की योजना बना रही,जिसके तहत ज्‍यादा बच्‍चे वाले माता-पिता को प्रशासन की ओर से अधिक सुविधाएं दी जा सकती हैं.

चंद्रबाबू ला रहे 'बच्चे बढ़ाओ' स्कीम!

आंध्र प्रदेश के मुख्‍यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस समय प्रदेश में बुजुर्गों की बढ़ती आबादी को देखते बेहद चिंता में हैं. इस चिंता को सार्वजनिक तौर पर जाहिर करते हुए शनिवार को कहा कि राज्‍य की आबादी का संतुलन बिगड़ रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार पॉपुलेशन मैनेजमेंट की योजना बना रही है. इसके तहत विधेयक लाने के बारे में भी सोचा जा रहा है,जिसमें अधिक बच्चे वाले परिवारों को विशेष सुविधाएं दी जा सकती हैं. साथ ही उन्‍होंने बताया कि एक ऐसा कानून लाने पर भी विचार हो रहा है,जिसके तहत सिर्फ वही लोग स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाएंगे,जिनके दो से अधिक बच्चे हैं.

कम बच्चों से क्यों टेंशन में हैं चंद्रबाबू नायडू?

चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि राज्‍य में उम्रदराज लोगों की आबादी में इजाफा हो रहा है. इसका एक कारण यह है कि राज्‍य के युवा विदेशों में जाकर बस जाते हैं. ऐसे में राज्‍य में युवाओं की संख्‍या कम हो रही है. इसे लेकर अब गंभीरता से सोचने की जरूरत है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि एक समय हमने नियम बनाया था कि 2 से ज्‍यादा बच्‍चे न करें. लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं. इसलिए हमने वो नियम बदल दिया है. अब हम ज्‍यादा बच्‍चे पैदा करने की अपील कर रहे हैं,ताकि राज्‍य का अस्तित्‍व कायम रहे. और आर्थिक स्थिति भी बेहतर रहे. वैसे तो हमारे पास 2047 तक डेमोग्राफिक ( किसी भी समूह या आबादी की जनसांख्यिकीय विशेषताओं का अध्ययन) एडवांटेज है.

उत्तर और दक्षिण राज्‍यों में आबादी का कितना असंतुलन है?

उत्तर भारत में दक्षिण भारत की तुलना में अधिक जनसंख्या घनत्व है. दक्षिण भारत में शहरीकरण की दर उत्तर भारत की तुलना में अधिक है. इसका भौगोलिक कारण भी है,क्‍योंकि उत्‍तर भारत में उपजाऊ भूमि,जल संसाधन,और जलवायु जैसे भौगोलिक कारण आबादी के वितरण को प्रभावित करते हैं. वहीं,शिक्षा,स्वास्थ्य,और रोजगार के अवसर जैसे सामाजिक-आर्थिक कारक भी आबादी के वितरण को प्रभावित करते हैं. चंद्रबाबू नायडू ने दक्षिणी राज्यों में गिरती प्रजनन दर पर भी चिंता जताते हुए कहा कि यहां फर्टिलिटी रेट 1.6 परसेंट है,वहीं राष्ट्रीय दर 2.1 है,इससे आप स्थिति का अंदाजा लगा सकते हैं. अगर यही स्थिति रही,तो हमारे यहां 2047 तक बुजुर्गों की आबादी काफी ज्यादा हो जाएगी.

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