संभल पर संसद में हंगामा, कांग्रेस सपा के हमले पर बीजेपी का पलटवार

नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र (Winter session) की सोमवार से शुरुआत हुई. सत्र के पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. संभल के मुद्दे पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की तरफ से सरकार को घेरा गया,बीजेपी ने विपक्ष के हमले पर पलटवार किया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने राज्य सरकार पर सत्र की शुरुआत से ठीक पहले सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर हमला बोला. वहीं पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले,सोमवार को सभी राजनीतिक दलों से स्वस्थ चर्चा का आह्वान किया और साथ ही यह कहते हुए विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुट्ठी भर लोग ‘हुड़दंगबाजी' से संसद को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं.

हंगामे के कारण दोनों ही सदन स्थागित


संसद में हंगामे के कारण राज्यसभा और लोकसभा को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया. दिन के 12 बजे जैसे ही सदन की बैठक फिर से शुरू हुई सदस्यों की तरफ से नारेबाजी शुरु हो गयी. विपक्षी सदस्यों का कहना था कि उनके सांसद के खिलाफ एफआईआर हुई है. जिसके बाद सदन की कार्रवाई को एक स्थगित कर दिया गया.

शीतकालीन सत्र है,माहौल भी शीत ही रहेगा: PM मोदी


शीतकालीन सत्र है,माहौल भी शीत ही रहेगा... महाराष्ट्र और यूपी उपचुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत से बीजेपी जोश में है. और यही जोश सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में दिखाई दिया. सत्र शुरू होने से पहले परंपरा के तहत मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी के पहले ही शब्द विपक्ष की करारी हार के बाद से पस्त विपक्ष पर कटाक्ष थे. मोदी ने विपक्षी सांसदों को हंगामे और संसद की कार्रवाई न चलने देने को लेकर आईना दिखाया. उन्होंने कहा कि जनता सबकुछ देखती है और इसकी सजा भी देती है. उन्होंने संसद में विपक्षी सांसदों से स्वस्थ चर्चा में हिस्सा लेने की अपील की.

क्या है संभल का विवाद?


संभल में पिछले हफ्ते कोर्ट के आदेश के बाद मस्जिद का सर्वे किया गया था.इसके बाद एक याचिका दायर कर दावा किया गया था कि जामा मस्जिद वाली जगह पर पहले हरिहर मंदिर था.रविवार को इस मुद्दे पर हिंसा भड़क उठी. दरअसल रविवार सुबह एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम जैसे ही सर्वे करने पहुंची,मस्जिद के आसपास भीड़ जमा हो गई और उन्होंने पथराव शुरू कर दिया.भीड़ ने वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया.


संभल हिंसा के बारे में कुछ पॉइंट्स

एक स्थानीय अदालत के आदेश पर पिछले मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था,जिसके बाद से संभल में तनाव फैला हुआ है.स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल कर दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है,वहां पहले हरिहर मंदिर था.मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक,उपद्रवियों के दो-तीन गुट लगातार गोलीबारी कर रहे थे. सर्वे करने आई टीम को पुलिस प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला.याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि "बाबरनामा" और "आइन-ए-अकबरी" जैसे ऐतिहासिक ग्रंथ 1529 में मुगल सम्राट बाबर द्वारा मंदिर के विनाश का दस्तावेजीकरण करते हैं.सर्वे समर्थकों का तर्क है कि यह ऐतिहासिक सच्चाइयों को उजागर करने के लिए एक जरूरी कदम है,जबकि आलोचक इसे एक उकसावे के रूप में देखते हैं जो पूजा स्थल अधिनियम,1991 द्वारा कायम धार्मिक स्थानों की पवित्रता का उल्लंघन करता है.संभल में रविवार को शुरू हुई हिंसा में 20 से 25 साल की उम्र के 3 लोगों की मौत हो गई. चौथे का नाम अभी सामने नहीं आया है. मृतकों की पहचान मोहल्ला कोट गर्वी निवासी नईम,सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नोमान के रूप में हुई है.मंडल आयुक्त के मुताबिक,गोलीबारी और पथराव में कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं. पुलिस अधीक्षक के PRO संजीव कुमार के पैर में गोली लगी है,एक के पैर की हड्डी टूट गई है. संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार को भी छर्रे लगे हैं.जिलाधिकारी का कहना है कि भीड़ को उकसाने और हिंसा की साजिश रचने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा.

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