Indian Companies: जानकारों का कहना है कि कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में फंड जुटाए जाने की वजह अर्थव्यवस्था की विकास दर तेज होना है.
नई दिल्ली:
भारतीय शेयर बाजार के लिए 2024 एक ऐतिहासिक साल रहा है. कंपनियों ने इस साल अब तक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO),क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) और राइट्स इश्यू के जरिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रिकॉर्ड पूंजी जुटाई है. इससे पहले 2021 में कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.88 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे.
इस साल 90 कंपनियों ने 1.62 लाख करोड़ रुपये जुटाए
रिपोर्ट्स के मुताबिक,इस साल अब तक 90 कंपनियों ने 1.62 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई है या इसकी घोषणा की है,जो पिछले साल के 49,436 करोड़ रुपये से 2.2 गुणा अधिक है. 2024 में नए इश्यू के जरिए जुटाई गई राशि करीब 70,000 करोड़ रुपये है,जबकि 2021 में यह आंकड़ा 43,300 करोड़ रुपये था.अब तक 88 कंपनियां QIP के जरिए 1.3 लाख करोड़ रुपये जुटाए
2024 में अब तक 88 कंपनियां क्यूआईपी के जरिए 1.3 लाख करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं. इससे पहले क्यूआईपी के जरिए सबसे अधिक राशि 80,816 करोड़ रुपये 2020 में 25 कंपनियों द्वारा जुटाई गई थी. इस अब तक 20 कंपनियों ने राइट्स इश्यू के जरिए करीब 18,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. पिछले साल यह आंकड़ा 7,266 करोड़ रुपये और 2022 में यह 3,884 करोड़ रुपये था.आखिरी दो हफ्तों में भी आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद
2024 के आखिरी दो हफ्तों में भी यह आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है,क्योंकि इस हफ्ते डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स,वेंटीव हॉस्पिटैलिटी,कैरारो इंडिया,सेनोरेस फार्मास्युटिकल्स,ट्रांसरेल लाइटिंग,कॉनकॉर्ड एनवायरो सिस्टम्स,सनाथन टेक्सटाइल्स और ममता मशीनरी जैसी कंपनियों का आईपीओ खुला रहा है.इक्विटी मार्केट में लोगों का बढ़ता विश्वास
जानकारों का कहना है कि कंपनियों द्वारा बड़ी मात्रा में फंड जुटाए जाने की वजह अर्थव्यवस्था की विकास दर तेज होना है. साथ ही यह इक्विटी मार्केट में लोगों के बढ़ते विश्वास को भी दिखाता है.भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 प्रतिशत थी. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक,चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024-25) में विकास दर 6.6 प्रतिशत रहने के अनुमान है