अब हमास की कमर टुट चुकी है. हमास का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से समाप्त किया जा चुका है. ऐसे में हमास की ओर से अब इजरायली सेना का ज्यादा प्रतिरोध भी नहीं हो पा रहा है. गाज़ा की लड़ाई समाप्ति की ओर है और अब यह सवाल है कि आखिर गाज़ा का इजरायल क्या करेगा.
शिरसाट ने कहा कि गृह विभाग के बांटवारे पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं हुआ है. जो भी कुछ होगा वो सीएम का निर्णय होने के बाद ही होगा. मगर बीजेपी का सीएम बनता है तो गृह विभाग हमारे पास ही आना चाहिए.
लेबनान के साथ इजरायल ने समझौता कर लिया है. इजरायल लेबनान के भीतर हिजबुल्लाह आतंकी संगठन को निशाना बना रहा था और इजरायल ने संगठन को मिटाने के अपने मकसद को पूरा करने के बाद इजरायल से समझौता भी कर लिया और एक सवाल जो सबके मन में है कि क्या हिजबुल्लाह के आतंकियों को पूरी तरह से मिटा दिया गया है. क्या उनके हथियारों को नष्ट कर दिया गया है. क्या अब फिर कभी हिजबुल्लाह के लड़ाके फिर कभी सिर नहीं उठा पाएंगे. 27 नवंबर को यह समझौता किया गया और इसे तुरंत इसी शर्त के साथ लागू किया गया कि यदि लेबनान की ओर से फिर इजरायल पर कोई हमला होता है तब इजरायल एक बार फिर सैन्य कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है. इजरायल ने भी इस बारे में धमकी में यह बात कही है.
असम के तिनसुकिया जिले के डूमडूमा में 14 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है . पीड़िता अब 23 सप्ताह की गर्भवती है . पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक गौरव अभिजीत दिलीप ने बताया कि लड़की को उस समय बहला-फुसलाकर ले जाया गया जब वह अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी.
यूक्रेन पर रूस का फुल स्केल आक्रमण 24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था. पश्चिमी अधिकारियों ने शुरू में अनुमान लगाया था कि यूक्रेन जल्दी ही हार जाएगा. लेकिन 1,000 दिन बाद, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के राजधानी पर कब्जा करने और यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की सरकार और सेना को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करने की कोशिश के बावजूद कीव और अधिकांश यूक्रेन अभी भी डटा है.
नॉर्वे के पूर्व पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ये साफ है कि गौतम अदाणी और सागर अदाणी के खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं. न ही इस बात का सबूत है कि अदाणी ग्रुप के अधिकारियों ने किसी कोई रिश्वत दी थी.
2022 में जम्मू की निचली अदालत ने इंडियन एयर फोर्स के चार जवानों की हत्या और रुबिया सईद के अपहरण के मामले में यासीन मलिक को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था.
राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने संसद से लेकर सड़क तक पर केवल अदाणी समूह को निशाना बनाए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब जवाब आ गया है तो उद्योगपतियों को इस तरह निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.